श्री महर्षि कश्यप जी की आरती


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आरती श्री मरीचि नन्दन की,
जगत प्रकाशक सूर्य पिता की।

अदिति पति हैं सृष्टि के कारक,
सु कला सुत सब कष्ट निवारक।
भल नंदन के पूर्व पिता की ।१।
आरती श्री मरीचि नन्दन की।

कश्यप कश्यप गोत्र प्रवर्तक,
सप्त ऋषि हो धर्म नियंत्रक।
वैवस्वतमनु पित्र पिता की ।२।
आरती श्री मरीचि नन्दन की।

कवि किशोर कश्यप गुण गायक,
दशरथ सुवन राम पद पायक।
सुर मुनि पूज्य पिता वामन की।३।
आरती श्री मरीचि नन्दन की।

कश्यप की जो आरती गावै,
देश प्रेम वाको फिर भावै।
जय जय जय भारत जननी की ।४।
आरती श्री मरीचि नन्दन की,
जगत प्रकाशक सूर्य पिता की।

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